Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes

Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes

पटकथा लेखन : Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes यहाँ से डाउनलोड करें

Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes : नमस्कार साथियों यदि आप भारत के किसी भी विश्वविद्यालय से Ba 2nd Semester का परीक्षा देने वाले है और यदि आपने Skill Enhancement Course (SEC-2) पेपर में “पटकथा लेखन (Patkatha Lekhan) विषय का चयन किया है तो आपके लिए यह आर्टिकल काफी हेल्पपफुल है ।

Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes

आज के इस आर्टिकल में हमलोग पढने वाले है  Skill Enhancement Course (SEC-2) पेपर में “पटकथा लेखन (Patkatha Lekhan) विषय के Unit-01 के सभी Topic को, इसलिए पूरें आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढे । आर्टिकल हेल्पफुल लगे तो इसी तरह के पोस्ट के लिए हमारे Official Website boardclasses.chandrai.com को रोज Follow करें औत अपने दोस्तों को भी जरुर शेयर करें ।

UNIT- 01. SYLLABUS

 

Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes

Patkatha Lekhan Ba 2nd Semester Unit-01 Pdf Notes : Topic Wise Discussion

🔹पटकथा लेखन (Script Writting) परिचय :

(पर्दा) + कथा (कहानी) = पटकथा (Screenplay) , अर्थात्

वैसी रचनात्मक प्रक्रिया जिसके अन्तर्गत किसी फिल्म, टेलीविजन कार्यक्रम, नाटक या अन्य प्रदर्शन मीडिया के लिए लिखित स्क्रिप्ट या पटकथा विकसित किया जाता है, उसे पटकथा लेखन कहा जाता है ।

इसकी प्रकृति स्वतंत्र होती है । इसका मूल इकाई दृश्य होता है । एक पटकथा को विभिन्न आधार पर तैयार किया जाता है । इसके स्रोत निम्नलिखित हो सकते है-

(1) आस-पास का परिवेश :- एक पटकथा जो हमारें आस-पास के जिन्दगी से जुडी हो सकती है । जिसमें हमारें परिवेश के विभिन्न तत्वों को समाहित कर एक पटकथा लेखन कर परिवेश कि परिघटनाओं को उजाकर किया जा सकता है । जैसें :- वर्तमान समय में ऐसी विभिन्न प्रकार कि घटनाएँ जैसे दहेज प्रथा, बाल-विवाह इत्यादी मुद्दों पर स्क्रीनप्ले किया जा सकता है ।

(2) अखबार कि खबरें :- बीते दिन अखबार के माध्यम से हमें भिन्न-भिन्न प्रकार कि सूचनाएँ मिलती रहती है । उसमें वर्णित घटनाओं के आधार पर पटकथा लेखन कि जा सकती है । जैसें कि बिहार में वर्तमान समय में शराब बन्द है, परन्तु आज भी अनेकों स्रोत से यह लोगों तक पहुँच पाती है और प्रत्येक दिन कुछ इस प्रकार कि सूचनाएँ मिलती रहती है कि लोगों को कानून के गिरफ्त में ले लिया गया है । इस तरह कि तमाम घटनाओं पर कटाक्ष करते हुए हम इससे होने वालें नुकसान आदि परिघटनाओं पर स्क्रीनप्ले तैयार कर सकते है ।

(3) कल्पना के आधार पर :- हम अपनी कल्पना के आधार पर पटकथा लेखन कर सकते
है । अपनी इच्छा-शक्ति के बलबूतें किसी भी परिघटनाओं कि सार्थकता सिद्ध करने हेतु उस पर अपनी विशेष राय रखते हुए हम एक पटकथा लेखन द्वारा लोगों के बीच अपने भाव को व्यक्त कर सकते है ।

(4) ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित :- पटकथा लेखन ऐतिहासिक घटन के आधार पर भी लिखी जा सकती है । बहुत सारी फिल्में जैसें कि पद्मावत, भगत सिंह, बोर्डर फिल्में ऐतिहासिक घटनाओं से संबंधित है । जिसके प्रत्येक स्थियों में इतिहास के घटनाओं का वर्णन करते हुए पटकथा का लेखन किया गया है ।

(5) लोककथा के आधार पर :- पटकथा का लेखन लोककथा के आधार पर भी किया जा
सकता है । बचपन में हमारी माँ, दादा-दादी इन सभी के द्वारा बच्चों को विभिन्न दिशा के ज्ञान के लिए अनेकों प्रकार कि कहानियाँ सुनाती है । इन कहानियों को हम पटकथा का रुप दे सकते है ।

(6) साहित्यिक रचना, कहानी या उपन्यास आधारित :- पटकथा लेखन साहित्यिक रचनाओं, कहानियाँ या उपन्यास के आधार पर भी कि जा सकती है । जैसें कि देवदास एक उपन्यास है परन्तु इस उपन्यास को पटकथा लेखन द्वारा फिल्म का रुप दिया गया है ।

अत: इसप्रकार पटकथा लेखन के विभिन्न आधार हो सकते है, जिसका स्क्रीप्ट तैयार कर उसे पटकथा का रुप प्रदान किया जा सकता है ।

🔹पटकथा लेखन (Script Writting) तत्व/घटक :

 

वैसे तो पटकथा लेखन के विभिन्न तत्व है, लेकिन मौलिक रुप से पटकथा लेखन कि प्रक्रियाओं को समझने के लिए इसके तीन प्रमुख सहायक तत्व है ।

01. स्रोत :- पटकथा लेखन के लिए सबसे प्रमुख तत्व है उसके स्रोत और किसी पटकथा
लेखन के लिए सबसे अधिक सहायक स्रोत कथा को मना जाता है । बिना कथा के पटकथा का लेखन बिल्कुल भी संभव नहीं माना जा सकता है । इन्ही कथा को प्राप्त करने के साधन स्रोत कहलाते है । इन स्रोतों में अनेकों तत्व को समाहित किया जा सकता है जैसें- विभिन्न प्रकार कि घटित होने वाली घटनाएँ , सामाचार, वास्तविक किस्से, कहानियाँ और उपन्यास, इत्यादी । इन सभी स्रोतों के आधार पर पटकथा को लिखा जा सकता है ।

02. स्वरुप या विषय :- पटकथा लेखन के लिए उसका स्वरुप तैयार करना अतिआवश्यक
माना जाता है । इन स्वरुप या विषय कि प्राप्ति विभिन्न साहित्यिक रचनाकार जैसे- मुंशी प्रेम चन्द्र, धर्मवीर भारती, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, आदि कि रचनाओं का का विशेष अध्ययन करना आवश्यक है । जिसके आधार पर एक व्यवस्थित, तार्किक एवं आकर्षक पटकथा का लेखन किया जा सकता है । और इन चर्चित रचनाकारों कि रचनाएँ जैसे- कहानियाँ, उपन्यास आदि ही पटकथा लेखन का विषय-वस्तु बन सकता है ।

03. संरचना:- पटकथा लेखन के लिए उसकी संरचना या ढाँचा तैयार करना अतिआवश्यक
होता है । इसकी संरचना में पात्र, चरित्र, नायक, खलनायक, घटनास्थल, दृश्य, कहानियों का क्रमिक विकास, द्वंद्व-टकराहट, और समाधान होते है । इसे पटकथा का अंग भी कहा जाता है । ये सभी मिलकर पटकथा का ढाँचा या संरचना तैयार करता है ।

🔹पटकथा लेखन (Script Writting) के लिए ध्यान रखने योग्य आवश्यक बातें :

 

पटकथा लेखन में हमें निम्नलिखित बातों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए –

  • दृश्य संख्या , उसकी लोकेशन या घटना-स्थल के वर्णन का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
  • घटना अवधि का वर्णन निश्चित ही करना चाहिए ।
  • पात्रों के बीच संवाद के बोले जाने के तरीकों पर विचार करना चाहिए ।
  • प्रत्येक दृश्य के अन्त में “डिजाँल्व फेड आउट, कट टू जैसी जानकारी अवश्य होनी चाहिए । इत्यादि

🔹पटकथा लेखन (Script Writting) के प्रकार :

वैसें तो पटकथा के प्रकारों के संदर्भ में कहीं भी लिखित दस्तावेज प्राप्त नहीं है । लेकिन पटकथाओं के अध्ययन करते समय कुछ तत्व ऐसें निकल आते है जिसके आधार पर पटकथा के प्रकार निम्न प्रकार किये जा सकते है –

रचना के आधार पर पटकथाओं के प्रकार

01. क्रमबद्ध तरीका :- आमतौर पर फिल्मों कि पटकथाएँ एक दृश्य के बाद दूसरा दृश्य किसी
उपन्यास कि तरह क्रमबद्ध लिखी जाती है । इसकी रचना इस आधार पर कि जाती है ताकी पटकथाओं कि उत्सुकता बनाई रखी जा सके । इसी प्रकार कि पटकथा रचना पटकथा का क्रमबद्ध तरीका कहलाता है । अधिकाशत: भारत में बनने वाली धारावाही या फिल्में कुछ अपवादों को छोडकर इसी तरीके से लिखी जाती है ।

उदाहरण :-

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02. स्थापित तरीका :- यह प्रकार अपनी सुविधा के अनुसार पटकथा को और आसान बनाने
के लिये किये गए प्रयोगों कि उपज है। इसमे पत्रे को दो हिस्सों में बांट कर एक हिस्से में दृश्य और दूसरे हिस्से में ध्वनि (VISUL-AUDIO) लिखा जाता है। हमारे यहाँ यह तरीका विज्ञापन और वृत्तचित्र के लिये अपनाया जाता है। लेकिन विदेश में प्रस्तुत तरीका फिल्म के साथ-साथ तकरिबन सभी क्षेत्र की पटकथा के लिये अपनाया जाता है। विज्ञापन क्षेत्र में इस तरीके के लिये स्टोरी बोर्ड (STORY BOARD) शब्द प्रचलित है। उदाहरण :-

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🔹पटकथा लेखन (Script Writting) में प्रयुक्त शब्दाबली / शब्दार्थ :

 

  • STORY BOARD :- स्थापित तरीके से लिखी गई पटकथा
  • Aodio : आवाज
  • Screenplay : पटकथा
  • Visual : दृश्य
  • EXT : बाहर
  • Shooting Script : प्रत्यक्ष दृश्यिकरण के लिए लिखी गई स्क्रीप्ट
  • Screenplay Writting : पटकथा लेखन
  • INT : अन्दर
  • Adoption : रुपांतरण ।    इत्यादि

🔹नाटक एवं पटकथा में अंतर :

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